अलीगढ़। पंडित ह्रदय रंजन शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष पूर्णिमा (7 सितंबर, रविवार) से लेकर अश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या (21 सितंबर, रविवार) तक श्राद्ध पक्ष या पितृपक्ष रहेगा। उन्होंने बताया कि इस बार कुछ विशेष तिथियां एक साथ पड़ रही हैं। तृतीया और चतुर्थी का श्राद्ध: एक ही दिन 10 सितंबर को होगा। सप्तमी तिथि इस बार रिक्ता तिथि के रूप में पड़ रही है। पंडित शर्मा ने बताया कि श्राद्ध पक्ष वास्तव में पितरों को स्मरण कर उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने और नई पीढ़ी को वैदिक एवं पौराणिक संस्कृति से जोड़ने का पर्व है। मान्यता है कि इन दिनों पितरों का श्राद्ध करने से जन्म कुंडली में विद्यमान पितृदोष का निवारण होता है और परिवार पर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है।