जिलाधिकारी संजीव रंजन की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में जिला आयुष समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों को जन-जन तक पहुँचाने और उन्हें और प्रभावी बनाने पर जोर दिया गया। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि अगस्त माह में जिले में लगभग 21,000 मरीजों का उपचार आयुष पद्धतियों से किया गया। जिले में 23 आयुर्वेदिक चिकित्सालय, 3 यूनानी, 15 होम्योपैथिक चिकित्सालय, 4 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और 3 आरोग्य वेलनेस सेंटर सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। प्रत्येक चिकित्सालय में प्रतिदिन 60-75 मरीज ओपीडी सेवाओं का लाभ ले रहे हैं। निर्माणाधीन स्वास्थ्य केंद्रों की जानकारी देते हुए डॉ. सिंह ने बताया कि सांकरा, नगला पदम, गोधा और बरला में 30 लाख रुपये की लागत से नए आयुष स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण कार्य 75 प्रतिशत पूरा हो चुका है। इसके अलावा, 50 शैय्या युक्त एकीकृत आयुष चिकित्सालय की स्थापना हेतु भूमि उपलब्ध कर प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि शासन की मंशा के अनुरूप जिले में आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथिक चिकित्सा सेवाओं को और अधिक सशक्त एवं सुलभ बनाने के प्रयास लगातार जारी हैं।