श्रीकृष्ण सेवा संस्थान (रजि.) द्वारा आयोजित कृष्ण लीला एवं चैतन्य महाप्रभु लीला में अभिमन्यु वध लीला का मंचन किया गया। महाभारत के युद्ध में द्रोणाचार्य द्वारा रचित चक्रव्यूह को केवल अर्जुन ही भेद सकते थे। लेकिन उस दिन अर्जुन युद्ध में गए थे। उनकी अनुपस्थिति में पुत्र अभिमन्यु ने चक्रव्यूह भेदने की प्रतिज्ञा की। गर्भ में रहते हुए अर्जुन ने अपनी पत्नी सुभद्रा को चक्रव्यूह की रचना समझाई थी। लेकिन अधूरी जानकारी मिलने के कारण अभिमन्यु अंततः चक्रव्यूह में प्रवेश कर सातों महारथियों को हराने के बाद छलपूर्वक मारे गए। इसमें दुर्योधन, शकुनी, कर्ण, जयद्रथ, अश्वत्थामा, दुर्याशन और शल्य शामिल थे। अर्जुन ने बाद में जयद्रथ के सिर काटने की प्रतिज्ञा की और अभिमन्यु वीरगति को प्राप्त हुए। इस अवसर अध्यक्ष आशुतोष, महामंत्री प्रेम प्रकाश माहेश्वरी, देवेंद्र गांधी, जुगल किशोर, पवन शर्मा, डॉ. गोविंद माहेश्वरी, मधुर राठी, रंजन, शिव शंकर वार्ष्णेय, संजय किराना, अंकित वर्मा, विनोद माहेश्वरी, मगन गांधी धर्मा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।