अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार रैगिंग की रोकथाम के लिए अलीगढ़ जनपद में जिला स्तरीय एंटी रैगिंग समिति का गठन किया गया। इस समिति छात्रसंगठन के प्रतिनिधियों और मीडिया को स्थान नहीं मिलने पर एसीएम प्रथम को ज्ञापन के माध्यम से नए सिरे से समिति गठन करने की मांग की गई है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अंकुर शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने प्रत्येक शिक्षण संस्थानों में होने वाली रैगिंग की रोकथाम के लिए जिला स्तरीय एंटी रैगिंग समिति गठित करने को कहा था ।जिलाधिकारी समिति के अध्यक्ष होंगे और इसमें विश्वविद्यालय, कॉलेज या संस्थान के प्रमुख, एसएसपी, एडीएम सचिव, स्थानीय मीडिया के प्रतिनिधि, युवा विकास कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से जुड़े एनजीओ के प्रतिनिधि, छात्र संगठनों के प्रतिनिधि को रखना था। लेकिन अलीगढ़ प्रशासन ने छात्र प्रतिनिधी जो की कॉलेज में होने वाली रैगिंग के विरोध में हमेशा छात्रों के साथ खड़े होकर रैगिंग को खत्म करने के लिए विरोध प्रदर्शन करते आए हैं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पिछले वर्ष भी राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय स्तर व महाविद्यालय स्तर पर रैगिंग को खत्म करने के लिए मांग उठा चुकी हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने इस रैगिंग को रोकथाम को पारदर्शी तरीके से खत्म करने के लिए मीडिया को भी इस समिति का सदस्य बनाया गया है, लेकिन अलीगढ़ प्रशासन द्वारा इन दो महत्त्वपूर्ण कड़ियों को इस दंडनीय अपराध को रोकने के लिए समिति में शामिल नहीं किया है। महानगर मंत्री शैलेंद्र प्रजापति ने बताया कि आज समाचार पत्रों से जानकारी मिली कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जिला स्तरीय समिति बनाई गई है। जिसमे छात्र प्रतिनिधी व मीडिया से लिए जाने वाले दो सदस्यों को इस समिति से दूर रखा गया हैं। रैगिंग से परेशान छात्रों को निजात दिलाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा समिति गठन करना सारहनीय कदम हैं । यूजीसी द्वारा जारी पत्र के अनुसार की इस समिति को गठन किया जाना चाहिए। इस दौरान प्रशांत सिंह, आशुतोष यादव, चिराग भारद्वाज, हरेंद्र सिंह, जतिन आर्य, अभिमन्यु सिंह आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।