ऋषि वार्ष्णेय की आँखों से दो लोगों की जिंदगी हुई रंगीन
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देहदान कर्त्तव्य संस्था ने डॉ. एसके गौड़ की अध्यक्षता में 76 वाँ नेत्रदान शिवपुरी निवासी 78 वर्षीय ऋषि कुमार वार्ष्णेय का रात 11 बजे सौहार्दपूर्ण वातावरण में सफलता पूर्वक संपन्न हो गया।देहदान कर्तव्य संस्था के सदस्य भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक ने बताया कि संस्कार भारती के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष सीए संजय गोयल का फोन डॉ गौड़ को आया कि नेत्रदान होना है। उन्होंने अविलम्ब जेएन मैडिकल कॉलेज नेत्र विभाग के मुहम्मद साबिर एसएलए को सूचित किया। उन्होंने बिना देरी टीम ले जा कर मानवीय कार्य को निर्बाध अंजाम दिया।
इस अवसर पर सचिव डॉ जयंत शर्मा जीवन हॉस्पिटल ने नेत्रदानी परिवार का साधुवाद कहते हुए हार्दिक आभार संस्था की तरफ से किया। देहदान कर्तव्य संस्था के अध्यक्ष डॉ एसके गौड़ ने एकत्रित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि ऋषि कुमार वार्ष्णेय अदृश्य रूप में जीवित रहेंगे जब तक कि आंखें लेने वाले दुनियाँ में हैं। इस परिवार ने मानवता जीवित रख लीक से हट रूढ़ीवादिता त्याग जो कदम उठाया है वह वंदनीय, प्रेरणादायक व अद्वितीय है। उन्होंने अपना मोबाइल नम्बर देते हुए लोगों का आह्वान किया कि आप केवल मृत्यु की सूचना दें। शेष नेत्रदान के कार्य को अंजाम देहदान कर्तव्य संस्था देगी। इस अवसर पर कमला देवी, संजीव कुमार वार्ष्णेय, विवेक अग्रवाल, भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक, सीए संजय गोयल, सुनील अग्रवाल, अजय राणा, प्रोफेसर अमिताव, प्रोफेसर जिया सिद्दीकी, डॉ मुहम्मद शाकिब, डॉ सैम्युअल, डॉ अमित कुमार राजपूत, रजत सक्सैना सहयोगी बने।

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