डॉ भीमराव अंबेडकर शिक्षा समिति ग्राम भीमगढ़ी बुद्ध भीम मिशन चर्चा का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता महेंद्र पाल सिंह ने की तथा संचालन ललित गौतम एडवोकेट ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में विजय सिंह प्रेमी रहे जिन्होने बाबा साहब के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत में सदियों से अभिसिप्त मानवता को मनुवादी व्यवस्था से आजाद कराया, वे एक ऐसा व्यक्तित्व थे। जिहोने अशिक्षा को सामाजिक गुलामी का कारण बताया, जिसके कारण बहुजन समाज हजारों सालों से गुलामी की जिन्दगी जी रहा था। उन्होने समाज को गुलामी से आजाद कराने के लिए तीन मूल मन्त्र दिए, शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो। विशिष्ट अतिथि वीरपाल सिंह माहौर ने बाबा साहब के जीवन संघर्ष उनके त्याग और बलिदान तथा सामाजिक परिवर्तन के लिए किए गए अतुलनीय योगदान पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता दिनेश कुमार गौतम एडवोकेट ने कहा कि, अगर हम वास्तव में तथागत बुद्ध की विचारधारा को समाज में स्थापित करना चाहते हैं तो उनके अधूरे कारवां को पूरा करने के लिए, उनके बताये गये मार्ग पर चलने की आवश्कता है। विशिष्ट वक्ता डीएल गौतम ने बाबा साहब के मिशन और उसको किस प्रकार से मंजिल तक पहुँचाने तथा बहुजन महापुरुषोँ की विचारधारा को समाज में स्थापित करने के लिए एंव तथागत बुद्ध और उनकी शिक्षा के महत्व पर अपने विचार रखे । नानक चंद गौतम एडवोकेट ने सोसाइटी द्वारा शैक्षिक एवं सामाजिक परिवर्तन के तहत वयवस्था परिवर्तन के लिए किए जा रहे प्रयासों पर अपने विचार रखे। महिला वक्ता विमलेश गौतम ने समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों, अन्धविश्वास, पाखन्डवाद, रुढिवादीता, कर्मकाण्ड से दूर रहने और बहुजन महापुरुषों के बताए गए मार्ग का अनुसरण करने का आव्हान किया । विशाखा गौतमी ने कहा कि आज के समय में बाबा साहब के मूल मंत्र शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो, पर अमल करने की जरुरत है। सोसाइटी ने आयोजकों को बाबा साहेब की 22 प्रतिज्ञाएँ भेंट कर सम्मानित किया गया। अतिथियों का पंचशील की पट्टिका डाल कर सम्मानित किया।