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जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं हमारे सनातन हिंदू धर्म के अनुसार कोई भी शुभ और मांगलिक कार्यों में शुभ मुहूर्त और शुभ ग्रहों का होना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि जो हमारे पूर्वजो की परंपराएं चली आ रही है जिसके अनुसार बगैर शुभ मुहूर्त के किसी भी शुभ कार्य का होना निषेध माना जाता है ज्योतिष शास्त्र में विवाह शादी के लिए कुंडली मिलान और ग्रह नक्षत्र की सही स्थिति को देखा जाना और शुभ मुहूर्त में विवाह शादी करना अत्यंत शुभ माना गया है जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं भारतीय ज्योतिष शास्त्र में विवाह के लिए गुरु और शुक्र तारा का आकाश में उदित होना अत्यंत जरूरी माना जाता है यदि यह है दोनों तारा ग्रह अस्त हो तो शुभ विवाह एवं मांगलिक कार्य निषेध माने जाते हैं क्योंकि हर साल मई और जून में शादियों के कई मुहूर्त होते हैं लेकिन इस वर्ष 2024 में गुरु और शुक्र तारा मई और जून में अस्त हैं इसलिए मई और जून में एक भी शुभ विवाह मुहूर्त नहीं होगा इसके बाद चार माह का चातुर्मास भी प्रारंभ होने जा रहा है अतः केवल अनबूझे मुहूर्त में शादी विवाह करना उचित रहेगा अतः वैशाख शुक्ल तृतीया जिसे आखातीज अक्षय तृतीया कहते हैं 10 मई कोहै वह अनपूछा मुहूर्त होने से विवाह आदि कार्यों में किसी प्रकार का दोष नहीं माना जाएगा इसी तरह 15 जुलाई को भड्ली नवमी भी अनपूछा मुहूर्त है इसमें भी शुभ विवाह आदि हो सकते हैं 09 जुलाई 2024 से 17 जुलाई 2024 तक विवाह मुहूर्त उपलब्ध होंगे इसमें 9 जुलाई 11, 12, 13, 14, 15 और 17 जुलाई शुभ विवाह मुहूर्त माने जाएंगे इसके बाद जाड़े में 17 नवंबर से ही विवाह आदि शुभ कार्य प्रारंभ हो सकेंगे।

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